तब्लीगी, जमात और मरकज क्या है ?
तब्लीगी जमात का अर्थ :- अल्लाह के दिये संदेशों का प्रचार-प्रसार करने वाला समूह या संगठन ।
की तरफ आकर्षित करता है विशेष रूप से धार्मिक तरीके,वेशभूषा, व्यक्तिगत गतिविधियाँ ।
स्थापना:- 1926-27 में एक इस्लामी स्कॉलर मौलाना इलियास ने नूहा जिला (हरियाणा) में की।
शुरुआत क्यों /कैसे हुई
इस संगठन की स्थपना के पीछे का प्रमुख कारण यह है की मुग़ल कल में कई लोगों ने इस्लाम ग्रहण कर लिया था लेकिन फिर वे सभी हिन्दू परम्परा और रीति रिवाजों को अपना रहे थे।
ब्रिटिश कालीन भारत में आर्य समाज द्वारा उन्हें दोबारा से हिन्दू बनाने का शुध्दिकरण अभियान शुरू किया था
जिसके चलते मौलाना इलियास ने इस्लाम की शिक्षा देना प्रारम्भ किया और इस संगठन की नींव पड़ी।
जमात के कुल "छ: उसूल" हैं जो इस प्रकार हैं-
➤ कलिमा- कलमा पढना
➤ सलात- पांचो वक्त की नमाज पढना
➤ इल्म- इस्लाम की शिक्षा
➤ इक्राम- ए-मुस्लिम- मुस्लिमों का सम्मान करना
➤ इख्लास-ए-निय्यत- विचारों में शुद्धता
➤ दावत-ओ-तब्लीग- प्रचार -प्रसार करना
तब्लीगी का अर्थ - अल्लाह के संदेशों को प्रसारित करने वाला।
जमात का अर्थ है - समूह।
मरकज- तब्लीगियो के समूह का एकत्रित होने का का स्थान ।
⭐ तब्लीगी जमात के वार्षिक धार्मिक कार्यक्रम को इज्तेमा कहा जाता है।
⭐ भारत के लगभग सभी बड़े शहरो में तब्लीगी जमात के मरकज (केंद्र ) हैं लेकिन इसका मुख्य
केन्द्र दिल्ली की निजामुद्दीन मरकज मस्जिद है।
⭐ तब्लीगी जमात का सबसे बड़ा जलसा हर साल बांग्लादेश में होता है।
⭐ तब्लीगी जमात का पहला धार्मिक कार्यक्रम भारत में 1941 में हुआ था।
⏩ इस कर्यक्रम में 25,000 लोग शामिल हुए थे।
⏩ 1940 के दशक तक जमात का कामकाज भारत तक ही सीमित था,लेकिन,आज यह 213 देशों तक फैल चुका है।
हाल ही में चर्चा में क्यों
तब्लीगी जमात भारत के प्रमुख कोरोनोवायरस हॉटस्पॉट में से एक बनकर उभरा है इस समारोह के बाद देश
में कोविड-19(COVID-19) से संक्रमित मामलो में अचानक से विस्फोट सा उत्पन्न हो गया है।
तब्लीगी जमात भारत का पहला कोरोनोवायरस 'सुपर-स्प्रेडर' बन गया क्योंकि हाल ही में जारी ताजा रिपोर्ट के
अनुसार भारत में 30% कोरोनावायरस के मामले इसी तब्लीगी जमात के एक धार्मिक समारोह के बाद बढ़
गए हैं
यह धार्मिक समारोह दिल्ली की निजामुद्दीन मरकज मस्जिद में आयोजित किया गया।
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